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छतà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शिवाजी à¤à¤¾à¤°à¤¤ के बहादà¥à¤° शासकों में से à¤à¤• थे। छतà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शिवाजी का जनà¥à¤® 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी दà¥à¤°à¥à¤— में हà¥à¤† था। मराठा सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ की नींव रखने का शà¥à¤°à¥‡à¤¯ छतà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शिवाजी को जाता है। छतà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शिवाजी की जयंती को शिव जयंती और शिवाजी जयंती à¤à¥€ कहते हैं। महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° में शिवाजी जयंती पारंपरिक तरीके से मनाई जाती है। महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° में इस दिन सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• अवकाश होता है। शिवाजी को उनकी बहादà¥à¤°à¥€ और रणनीतियों के लिठजाना जाता है, जिससे उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤—लों के खिलाफ कई यà¥à¤¦à¥à¤§à¥‹à¤‚ को जीता। छतà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शिवाजी सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œ और मराठा विरासत के लिठजाना जाता है। कई लोग मानते हैं कि शिवाजी का जनà¥à¤® à¤à¤—वान शिव के नाम पर रखा गया, लेकिन à¤à¤¸à¤¾ नहीं था, उनका नाम à¤à¤• देवी शिवई के नाम पर रखा गया था। दरअसल शिवाजी की मां ने देवी शिवई की पà¥à¤¤à¥à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिठपूजा की और उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ पर शिवाजी का नाम रखा गया। शिवाजी महाराज का विवाह 14 मई, 1640 को सइबाई निमà¥à¤¬à¤¾à¤²à¤•à¤° के साथ हà¥à¤† था। शिवाजी ने मराठाओं की यà¥à¤¦à¥à¤¦ कौशल जैसे गà¥à¤°à¤¿à¤²à¥à¤²à¤¾ यà¥à¤¦à¥à¤§ सिखाà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मराठाओं की à¤à¤• बहà¥à¤¤ बड़ी सेना बनाई। शिवाजी हर धरà¥à¤® के लोगों को मानते थे। उनकी सेना में कई मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® सिपाही à¤à¥€ थे। उनका मà¥à¤–à¥à¤¯ लकà¥à¤·à¥à¤¯ मà¥à¤—ल सेना को हराकर मराठा सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करना था। शिवाजी महिलाओं को à¤à¥€ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करते थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने महिलाओं के खिलाफ होने वाली कई हिंसाओ, शोषण और अपमान का विरोध किया। महिलाओं के अधिकारों का उलà¥à¤²à¤‚घन करने पर उनके राजà¥à¤¯ में सजा मिलती थी।